कोरबा : एनटीपीसी की राख से ग्रामवासी परेशान, क्षतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण किया प्रदर्शन

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कोरबा:-एनटीपीसी धनरास राखड डेम से लोतलोता के गांव में राखड़ समस्या से परेशान होकर बुधवार को ग्राम वासियों ने एनटीपीसी के वाइट हाउस के सामने जमकर प्रदर्शन किया।

कोरबा एनटीपीसी की बिजली से कई राज्य रोशन हो रहे हैं, पर कोरबा की जिस धरती में यह संयंत्र संचालित हो रहा, वहां के लोगों का प्रदूषण की वजह से जीना मुश्किल हो गया है। धनरास राखड़ डैम भर चुका है और इन दिनों डैम को खाली करने राखड़ का परिवहन किया जा रहा।

लापरवाही का आलम यह है कि लो-लाइन एरिया के नाम पर राखड़ क्षेत्र के कई जगह पर फेंका जा रहा है। 2600 मेगावाट क्षमता वाली एनटीपीसी संयंत्र के सामने इन दिनों राख के निपटान की समस्या खड़ी हो गई है। संयंत्र से सीधे धनरास बांध में राख पाइप लाइन के माध्यम से पहुंचता है। क्षमता से अधिक डैम भर चुका है। नया डैम अभी उपलब्ध नही है। ऐसे में कंपनी के सामने डैम से राख खाली कराने का विकल्प ही बच गया है। इसके लिए ठेका भी आबंटित किया गया है। यह जानकर हैरत होगा कि राख ट्रांसपोर्टिंग में लगी कंपनी कहीं भी राख डंप कर दे रही है।

आसपास के लोगों का कहना है कि हाइवा खराब हो जाने के कारण कहीं पास भी ड्राइवर राख अनलोड कर दिया करते है। राखड़ परिवहन में लगे हाइवा में ओवरलोड राख तिरपाल सही से नहीं ढाका जा रहा है। इसकी वजह से परिवहन के दौरान राख वातावरण में घुल रहा और इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। जैलगांव चौक से होते हुए राख लोड गाड़ियां मुख्य मार्ग में दौड़ रही। इसकी वजह से यहां रहने वाले व व्यापारी परेशान हैं। धनरास राखड़ बांध में भी नियमित पानी का छिड़काव नहीं किया जाता, जिसकी वजह से राख उड़ कर आसपास के रिहाइशी क्षेत्र में फैल रहा। गंभीर बात यह है कि राखड़ बांध से निकलने वाला राखयुक्त पानी किसानों के खेत तक पहुंच रहा। जिसकी वजह से उपजाउ भूमि बंजर हो गए हैं।

एनटीपीसी प्रबंधन लगातार राख की उपयोगिता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है ग्रामवासी सात सूत्री मांग को लेकर अधिकारियों से वार्ता में समस्या को निराकरण करने की बात कही थी पर एनटीपीसी निराकरण नहीं किया जिस कारण ग्राम वासियों समस्या को लेकर द्वारा धरना प्रदर्शन किया।

कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर ने इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए एनटीपीसी प्रबंधन से बात कर निश्चित अवधि में राखड़ को उड़ने नहीं देने के लेकर ठोस कार्य योजना बनाने को कहा गया था। समय सीमा बीतने पर भी परेशानी बनी हुई है और ग्रामीण राखड़ की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीण की समस्या को अनदेखी करते हुए एनटीपीसी ने ध्यान नहीं दिया ग्रामीण के द्वारा एनटीपीसी के वाइट हाउस के सामने प्रदर्शन किया। ग्रामीण का कहना है एनटीपीसी के प्रभावित होने की वजह से क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। ग्राम वासियों ने कहा कि अगर समस्या को हल नहीं किया जाता है तो काम को प्रभावित किया जाएगा।

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