नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स के साथ अपने सबसे भारी रॉकेट के सफल लान्चिंग पर बधाई दी।
PM मोदी ने कहा कि ये आत्मानिभरता का उदाहरण है और ग्लोबल कामर्शियल मार्केट में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाता है।
पीएम ने दी ISRO को बधाई
पीएम मोदी ने कहा कि NSIL, IN-स्पेस, इसरो को हमारे सबसे भारी प्रक्षेपण यान LVM3 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई, जिसमें वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स हैं। LVM3 आत्मानिभर्ता का उदाहरण है और वैश्विक वाणिज्यिक लान्च सेवा बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाता है।
बता दें कि इसरो ने शनिवार और रविवार की रात 12:07 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने सबसे भारी राकेट में 36 संचार उपग्रहों को लान्च किया।
पीएम ने किया ट्वीट, दी बधाई
पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, एनएसआईएल, इन-स्पेस, इसरो को वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए बने 36 वनवेब उपग्रहों के साथ हमारे सबसे भारी प्रक्षेपण यान एलवीएम3 के सफल प्रक्षेपण पर बधाई। LVM3 आत्मानिभर्ता का उदाहरण है और वैश्विक वाणिज्यिक लान्च सेवा बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाता है।
ISRO के अध्यक्ष ने की विशेष पूजा
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने जीएसएलवी मार्क -3 राकेट लान्च की सफलता के लिए शनिवार सुबह तिरुपति जिले के सुल्लुरपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी देवी मंदिर में एक विशेष पूजा की। उन्होंने शनिवार शाम को बताया था कि इसरो का राकेट LVM3 एक निजी संचार फर्म वनवेब के 36 उपग्रहों को ले जाएगा। उन्होंने कहा कि 36 ब्राडबैंड सैटेलाइट्स का एक और सेट अगले साल की पहली छमाही में एलवीएम3 द्वारा लान्च किया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष ने बताया, हमने पहले ही (दिवाली) उत्सव शुरू कर दिया है। 36 में से 16 उपग्रह सफलतापूर्वक सुरक्षित रूप से अलग हो गए हैं, और शेष 20 उपग्रहों को अलग कर दिया जाएगा। डेटा थोड़ी देर बाद आएगा और अवलोकन का कार्य चल रहा है।
एस सोमनाथ ने की पीएम की सराहना
इस मील के पत्थर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए, एस सोमनाथ ने कहा, यह एक ऐतिहासिक मिशन है। यह पीएम मोदी के समर्थन के कारण संभव हुआ है। इस बीच, सोमनाथ ने कहा कि वह अगले साल जून में अपना चंद्रयान-3 मिशन लान्च कर सकता है।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान -3 लगभग तैयार है। अंतिम एकीकरण और परीक्षण लगभग पूरा हो गया है। फिर भी कुछ और परीक्षण लंबित हैं, इसलिए हम इसे थोड़ी देर बाद करना चाहते हैं। बता दें कि इसरो ने शनिवार रात 12:07 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने सबसे भारी रॉकेट में 36 ब्राडबैंड सैटेलाइट्स को लान्च किया।
पहला व्यावसायिक उपग्रह प्रक्षेपण
रॉकेट LVM3 का यह पहला व्यावसायिक उपग्रह प्रक्षेपण है। अंतरिक्ष विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पूर्व में इसरो के एलवीएम3 बोर्ड पर वनवेब लियो उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए लंदन-मुख्यालय वाली नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ दो लॉन्च सेवा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे नया और सबसे भारी राकेट चार टन वर्ग के उपग्रह को ले जा सकता है, जो एक बड़े फ्लैटबेड ट्रक के वजन के बराबर है। इस रॉकेट की क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है। इसरो के अनुसार, मिशन में वनवेब के 5,796 किलोग्राम वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय राकेट बन गया है।