एसईसीएल के साथ त्रिपक्षीय वार्ता का आश्वासन दिया एसडीएम ने
मांगो का समाधान नहीं होने पर 20 अगस्त को खदान बंद करेंगे भू विस्थापित
कोरबा (विनोद साहू की रिपोर्ट)-: छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी,पुनर्वास गांव में बसे भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने आदि मांगों को लेकर कटघोरा एसडीएम कार्यालय के सामने एकत्रित होकर भू विस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में रैली निकालकर कटघोरा एसडीएम कार्यालय घेरने निकले जिसे एसडीएम कार्यालय के मेन गेट में बेरिकेट लगाकर बड़ी संख्या में उपस्थित पुलिस बल ने भू विस्थापितों को रोक दिया। भू विस्थापित 3 घंटे तक कार्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए सड़क पे बैठ कर प्रदर्शन करने लगे और एसडीएम से मिलकर समस्याओं के समाधान करने की मांग करते हुए अड़ गए। तब एसडीएम तन्मय खन्ना ने प्रदर्शन कर रहे प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया।
बैठक में कटघोरा एसडीएम तन्मय खन्ना किसान सभा प्रतिनिधि मंडल में प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु यादव,दीनानाथ के साथ नायब तहसीलदार,कटघोरा थाना प्रभारी धरम नारायण तिवारी उपस्थित थे एसडीएम ने भू विस्थापितों की समस्या को गंभीरता से सुना सुनने के बाद तुरंत दीपका तहसील में ब्यान के लिए शपथ पत्र नोटरी के साथ की अनिवार्यता को समाप्त करने का आदेश दीपका तहसीलदार को दिया नियमानुसार सभी भू विस्थापितों को अधिकार दिलाने और एसईसीएल के साथ त्रिपक्षीय वार्ता कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया उसके बाद एसडीएम कार्यालय घेराव आंदोलन समाप्त हुआ। इस घेराव में एसईसीएल के चारो एरिया कुसमुंडा, गेवरा ,दीपका,कोरबा से प्रभावित गांव के भूविस्थापित किसान शामिल थे।
किसान सभा ने एसडीएम को कोरबा कलेक्ट्रेट,एसडीएम कार्यालय और दीपका तहसील में रुके फाइलों की सूची भी सौंपी जिसपर एसडीएम ने जल्द फाइलों की जांच कराकर समाधान का आश्वासन भी दिया।
जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भूविस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। किसान सभा ने घोषणा की है कि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 20 अगस्त को कुसमुंडा खदान में महाबंद आंदोलन किया जाएगा।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर जिला प्रशासन के सहयोग से इस क्षेत्र में एसईसीएल अपने मुनाफे के महल खड़े कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोयला उत्खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने, जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली और आज भी वे रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी।
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, दामोदर श्याम, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक आदि ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसी एकजुटता के साथ आगे भी आंदोलन को और तेज करने का आह्वान सभी से किया है, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके।
किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम और रेशम यादव ने कहा कि जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण के लिए पूरे प्रशासनिक ताकतों का प्रयोग कर और ग्रामीणों में दहशत का वातावरण बनाकर जमीनों का अधिग्रहण करता है लेकिन जमीन अधिग्रहण के बाद रोजगार ,बसावट जैसी सुविधाओं को भू विस्थापितों को दिलाने के लिए गंभीरता से पहल नहीं करती है इसलिए भू विस्थापितों के पास सड़कों में उतरकर आंदोलन करने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा है। भू विस्थापितों को मिलकर संघर्ष तेज करना होगा, ताकि सरकार और एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके।
घेराव में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, दामोदर श्याम,रेशम यादव, सुमेंद्र सिंह कंवर,जय कौशिक,रघु यादव,दीपक साहू,राजकुमारी बिंझवार, सुक्रिता,संजय यादव,शंकर दास,रमेश दास,गणेश बिंझवार,हरिहर,दीनानाथ,राहुल जायसवाल,पवन यादव, फिरत,हीरा सिंह,मिलन दास,ऋषि, राकेश,विवेक,भीम दास,गुलाब दास, इंदू,नीतू के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित थे।
एसडीएम घेराव की प्रमुख मांगों में:-
लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण,पुनर्वास के साथ दीपका तहसील, एसडीएम कार्यालय कटघोरा,और कोरबा कलेक्ट्रेट में भू विस्थापितों के रुके हुए फाइलों का तत्काल निराकरण करने की मांग है।


