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जन समस्या उठाना विधायक का काम
भिण्ड==जिस खाद के संकट से देश और मध्य प्रदेश की ग्रामीण आबादी विचलित और परेशान है उसे सिरे से खारिज कर देने के मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री के बयान को अखिल भारतीय किसान सभा ने निहायत ही अशिष्ट और जख्मो पर नमक छिड़कने वाला बताया है।
देश के सबसे बड़े और सबसे पहले किसान संगठन एआईकेएस के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने भाजपा को असभ्य, असंवेदनशील और परपीड़क – सैडिस्ट – पार्टी बताते हुए कहा कि इसे पीड़ित और प्रताड़ित जनता, विशेषकर किसानों का अपमान करने में सुख मिलता है। बजाय इसके कि वह ऐसे मौकों पर आपात प्रबंधन करे, अपनी बेलगाम नौकरशाही को काम पर लगाये, इसके नेता अपनी अक्षमता को ढाँपने के लिए जुमलेबाजी का सहारा लेते हैँ।
उन्होंने मांग की है कि यदि कृषिमंत्री अपने दावे को सही मानते हैँ तो वे जिलावार खाद के उपलब्ध भण्डार की जानकारी सार्वजनिक करें। यह भी बतायें कि क्यों पूरे मध्यप्रदेश में किसान बदहवास हुए दो दिन तक लाइनों में लगने के बाद खाद न मिलने के कारण किसान इस दूकान से उस दूकान तक मारे मारे क्यों घूम रहे हैँ और लाइन में लगी लगी महिलाएं बेहोश होकर गिर रही हैँ।
भिंड कलेक्टर के दावे कि संकट खाद का नहीं खाद की कालाबाजारी और रेत का है दोनों को रोकने में वह असफल साबित हो रहे हैं उन्हें निलंबित कर भिंड से दफा करने के लिए पर्याप्त कारण बताते हुए बादल सरोज ने कहा कि यह अपनी नाकाबिलियत की स्वीकारोक्ति है। यह पड़ोसी देश के अफसर का नहीं भिंड के कलेक्टर का काम है कि यदि कालाबाजारी हो रही है तो उसे रोके। मगर बजाय यह सब करने के वह जनप्रतिनिधियों के साथ हु तु तु तु खेल रहा है।
भाजपा डबल इंजन सरकार में जब उसी पार्टी का विधायक खाद संकट पर जिलाधीश से मिलने जाता है जो स्वयं कृषि मंत्री के ब्यान को झूठा साबित करता है जिलाधीश का व्यवहार सर्व प्रथम गैर जिम्मेदाराना था उस पर विधायक का आक्रोश स्वाभाविक है
अपने ही जन प्रतिनिधि को भोपाल बुलाकर डपट कर भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह जन समस्याओं के प्रति कितनी गंभीर है। और जनप्रतिनिधियों को कितनी क्षेत्र में काम करने की आजादी है
उक्त घटना लोकतंत्र में निंदनीय है किसानों को खाद कैसे मिले इस पर प्रशासन और निर्वाचित गैर निर्वाचित प्रतिनिधियों में सौहार्दपूर्ण वातावरण में संवाद होना जरूरी है
प्रेषक
बादल सरोज
राष्ट्रीय संयुक्त सचिव
अखिल भारतीय किसान सभा
खाद संकट पर कृषि मंत्री का बयान किसानों के ज़ख्मों पर नमक== बादल
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