शुभ संकेत/नई दिल्ली:-इंग्लैंड के विरुद्ध विशाखापत्तनम में बड़ी जीत के साथ भले ही भारतीय टीम ने सीरीज में वापसी कर ली हो, लेकिन इस टेस्ट में टीम की कई कमियां उजागर हुईं। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में 15 फरवरी से खेला जाएगा और टीम के पास 10 दिनों का समय है।
इंग्लैंड की टीम पलटवार में माहिर है और अगर भारत को टेस्ट सीरीज जीतनी है तो उसे इन कमियों को दूर करना होगा।
बल्लेबाजों का दिखाना होगा दम
अगर दोनों मैच देखें तो भारतीय टीम एक बल्लेबाजी इकाई के रूप में प्रदर्शन नहीं कर सकी है। बल्लेबाजों के व्यक्तिगत प्रदर्शन से टीम दूसरा मैच जीतने में सफल रही। युवा सनसनी यशस्वी जायसवाल लगातार रन बना रहे हैं, लेकिन उनके जोड़ीदार रोहित शर्मा अब तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। यशस्वी जहां पहले टेस्ट में शतक से चूके तो दूसरे टेस्ट में उन्होंने दोहरा शतक जड़ा है।
अब तक वह सीरीज में 321 रन बना चुके हैं, लेकिन रोहित कुल चार पारियों में 22.50 की औसत से केवल 90 रन ही बना पाए हैं। ये ओपनिंग जोड़ी अब तक एक भी बार 100 रन की साझेदारी नहीं कर पाई है। वहीं शुभमन गिल ने भले ही दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जड़ा है, लेकिन उनकी फार्म में भी निरंतरता का अभाव रहा है।
मध्यक्रम सबसे बड़ी चिंता
विराट कोहली की अनुपस्थिति में मध्यक्रम भारतीय टीम की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। श्रेयस अय्यर अब तक चार पारियों में विफल रहे हैं और केवल 104 रन ही बना पाए हैं। पिछले मैच में पदार्पण करने वाले रजत पाटीदार भी छाप छोड़ने में विफल रहे और दो पारियों में केवल 41 रन ही बना पाए। राजकोट में अगर केएल राहुल की वापसी होती है तो मध्यक्रम को थोड़ी मजबूती मिलेगी।
जहीर खान की राय
सीरीज में भारत की बल्लेबाजी पर पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने कहा कि जब आप टीम को देखते हैं तो कुछ चिंताएं होती हैं, बल्लेबाजी एक ऐसी ही चीज है। हमने अतीत में इन परिस्थितियों में, इस तरह की पिचों पर भारत को बेहतर प्रदर्शन करते देखा है। आप अगर इंग्लैंड की दूसरी पारी को देखेंगे तो सिर्फ एक बल्लेबाज अर्धशतक लगा पाया था। फिर भी उनकी टीम 300 रन के करीब पहुंचने में सफल रही। समग्र प्रयास से ऐसे नतीजे आते हैं।
हमने इस मैच में भारत की ओर से यशस्वी और शुभमन की ओर से दो शानदार पारियां देखी हैं, लेकिन बल्लेबाजी में अब भी काफी मेहनत करने की आवश्यकता है।
बुमराह के भरोसे गेंदबाजी
अगर भारतीय टीम की गेंदबाजी की बात करें तो जसप्रीत बुमराह 15 विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज हैं, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें साथ नहीं मिला है। पहले टेस्ट में प्रबंधन ने बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज को अंतिम एकादश में जगह दी, लेकिन सिराज एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। दूसरे टेस्ट में सिराज की जगह मुकेश कुमार को उतारा गया, लेकिन वह भी केवल एक ही विकेट ले पाए।
वहीं स्पिनरों की बात करें तो दोनों टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के स्पिनरों का प्रदर्शन खासा अच्छा रहा है। पहले टेस्ट में जहां इंग्लिश स्पिनरों ने सभी 20 विकेट लिए थे तो भारत स्पिनरों ने 14 विकेट लिए थे। दूसरे टेस्ट में भारतीय स्पिनर जहां नौ विकेट ले सके थे, तो इंग्लैंड के स्पिनरों ने 15 विकेट चटकाए थे।
क्षेत्ररक्षण भी औसत
भारतीय टीम का क्षेत्ररक्षण भी औसत नजर आया है। पहले टेस्ट मैच में जहां ओली पोप को दो जवीनदान मिले और उन्होंने 196 रन की पारी खेलकर टीम को मैच में वापस ला दिया था। दूसरे टेस्ट में केएस भरत ने पोप ने फिर पोप को स्टंप करने का अवसर गंवा दिया था।