युवती ने बताया कि शादी के समय आरोपियों ने झांसा दिया कि दूल्हा अरविंद रायगढ़ में रेलवे में जॉब करता है। लड़के वाले खुद रिश्ता लेकर लड़की वालों के घर पहुंचे थे। आरोपियों ने युवती की फैमिली से कहा कि हमे शादी में कोई सामान नहीं चाहिए। आपको जो भी देना है हमें कैश दीजिएगा। जिसके बाद लड़की के पिता ने 10 लाख रुपए दहेज में दिए थे। शादी तय होने के बाद अप्रैल 2019 में युवती की शादी अरविंद से जांजगीर के शिव मंदिर में हुई।
शादी के बाद नहीं ले गया ससुराल
शादी के बाद अरविंद युवती को अपने घर लेकर जाने की जगह लड़की के ही घर में रहने लगा। युवती जब भी उसे ससुराल लेकर जाने के लिए कहती वह कोई ना कोई बहाना बनाकर युवती की बात को काट देता था। अरविंद करीब तीन साल तक ससुराल में रहा इस दौरान दोनों की एक बेटी भी हुई।
मां को कैंसर है कहकर घर से हुआ फरार
एक दिन आरोपी अरविंद ने युवती और उसके परिवार वालों से कहा कि उसके मां की तबियत बहुत खराब है उसे कैंसर हो गया है और इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। उसने युवती की फैमली से 3.80 लाख रुपए उधार लिए और घर से चला गया। युवती इस दौरान कई दिनों तक संपर्क करती रही लेकिन अरविंद से उसका कोई संपर्क नहीं हुआ। बाद में छानबीन में पता चला की पूरा परिवार ही फर्जी है।
गिरोह में शामिल थे ये लोग
युवती को बताया गया कि अरविंद चंद्रा, दिलहरण महंत, आनंद राम, सक्ती निवासी विमला चौहान और ब्रजराजनगर निवासी पनिका दास सभी खुद को एक ही फैमली के मेंबर बताते थे। बाद में पता चला कि अरविंद ने खुद का नाम विवेक दास रखकर शादी थी। विमला चौहान का नाम चमेली बाई बताते हुए उसे उसे अपनी मां बताया। वहीं आनंद राम को अपना बड़ा भाई, दिलहरण महंत को रिश्तेदार और पनिका दास को अपना मामा बताया था।
आरोपियों से पूछताछ कर रही है पुलिस
जैजैपुर थाना प्रभारी डीआर टंडन के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूर कर लिया है। फिलहाल सभी से पूछताछ जारी है कि उन्होंने पहले भी इस तरह की कोई वारदात की है या नहीं।