- सुरक्षित निर्माण की दिशा में जागरूकता और तकनीकी ज्ञान अत्यंत आवश्यक-कलेक्टर
वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं मानकों के अनुरूप भवन निर्माण पर दिया जाए विशेष ध्यान-कलेक्टरकलेक्टर ने भूकंप रोधी निर्माण संरचना तीन दिवसीय कार्यशाला का किया शुभारंभतुलसी महाविद्यालय में 2 से 4 सितंबर तक भूकंप रोधी निर्माण संरचना कार्यशाला का होगा आयोजन
अनूपपुर 2 सितंबर 2025/ कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने कहा है कि आज के दौर में सुरक्षित निर्माण की दिशा में जागरूकता और तकनीकी ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं मानकों के अनुरूप भवन निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भोपाल से आए आपदा प्रबंधन टीम द्वारा भूकंपरोधी निर्माण संरचना पर आयोजित कार्यशाला भविष्य में सराहनीय भूमिका निभाएगी। कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली आज शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में आयोजित भूकंप रोधी निर्माण संरचना कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर श्री पंचोली ने इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स, तकनीशियनों तथा निर्माण कार्य से जुड़े सभी अधिकारी एवं इंजीनियरों से कहा कि इस कार्यशाला में वे अपने कार्यों में भूकंपरोधी तकनीकों को अनिवार्य रूप से सीखें तथा उपयोग करें ताकि आमजन की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि आपदाओं की रोकथाम केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी भी जरूरी है। कलेक्टर ने भोपाल से आए आपदा प्रबंधन टीम को शुभकामनाएं दी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री तन्मय वशिष्ठ शर्मा ने कहा कि भोपाल से आए आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों द्वारा भूकंपरोधी निर्माण संबंधी तकनीकी जानकारी अनूपपुर जिले के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का सबसे सशक्त माध्यम सुरक्षित और वैज्ञानिक पद्धति से किया गया निर्माण है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के दौरान यदि निर्धारित मानकों और भूकंपरोधी तकनीकों को अपनाया जाए, तो जन-जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने सभी निर्माण विभागों से संबंधित इंजीनियरों एवं अधिकारियों को कार्यशाला में सहभागिता निभाते हुए भूकंप से बचाव एवं तकनीकी पद्धति को समझने की अपील की।
कार्यशाला में डीएमआई सेंटर भोपाल से आए प्रशिक्षक श्री अभिषेक मिश्रा ने बताया कि 1985 में भोपाल त्रासदी के पश्चात 1987 में आपदा नियंत्रण की स्थापना की गई। इसके पश्चात लगातार राज्य में भूकंप रोधी संरचना एवं गतिविधियों पर संस्थान द्वारा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आपदा कहीं भी कभी भी आ सकती है, आपदा के पूर्व तैयारी एवं सुरक्षात्मक उपाय करना बेहद आवश्यक होता है। इस हेतु प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में आपदा प्रबंधन से जुड़े फैकेल्टी डॉ. संदीप साहू, श्री अंकुर विश्वकर्मा एवं श्री तुषार गोलाईत ने आपदा प्रबंधन एवं भूकंप रोधी निर्माण संरचना से सुरक्षा एवं उपायों के संबंध में आवश्यक तकनीकी जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला का शुभारंभ कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री तन्मय वशिष्ठ शर्मा, डीएमआई केंद्र भोपाल से आए प्रशिक्षक श्री अभिषेक मिश्रा, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भवन) श्री प्रभात लोरिया सहित अन्य अधिकारियों ने मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री पंचोली को स्मृति चिन्ह भी भेंट की गई। कार्यक्रम में बताया गया कि 2 सितंबर से 4 सितंबर 2025 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है, जिसमें जिले के निर्माण विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों एवं इंजीनियरों को भूकंपरोधी निर्माण संरचना के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी।
कार्यशाला में प्राचार्य तुलसी महाविद्यालय डॉ. अनिल सक्सेना, लोक निर्माण विभाग, मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग सहित निर्माण विभाग से जुड़े अधिकारी, इंजीनियर एवं सब इंजीनियर ने सहभागिता निभाई।
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