जिला सक्ति
शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर दृष्टिबाधित विद्यालय, सक्ती (जिला सक्ती, ब्लॉक सक्ती) में शिक्षक सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के दृष्टिबाधित बच्चों ने अपने शिक्षकों के प्रति आभार और श्रद्धा व्यक्त करते हुए गीत, कविता एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। उनके जीवन, शिक्षा के प्रति समर्पण और आदर्श विचारों पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि “गुरु सिर्फ पढ़ाने वाला नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और प्रेरक होता है।” इसी संदेश को आत्मसात करते हुए विद्यालय के बच्चों ने गुरुजनों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यक्ष बिंदेश्वरी आदिले ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “शिक्षक ही वह दीपक हैं, जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।” उन्होंने आयूगे कहा कि “दृष्टिबाधित बच्चे किसी से कम नहीं, बल्कि वे अपनी मेहनत और लगन से समाज के लिए मिसाल बन रहे हैं। शिक्षक दिवस पर उनका यह सम्मान कार्यक्रम यह संदेश देता है कि शिक्षा ही सच्ची शक्ति है।”
श्री आदिले ने यह भी कहा कि “हमारा संकल्प है कि इन बच्चों की प्रतिभा को समाज में उचित मंच मिले और ये आत्मनिर्भर बनकर देश व प्रदेश का नाम रोशन करें।”
दृष्टिबाधित बच्चों की प्रस्तुतियों में छिपी मेहनत और लगन देखकर उपस्थित अतिथि एवं अभिभावक भावुक हो उठे। विद्यालय प्राचार्य एवं शिक्षकों ने भी बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल सम्मान का कार्यक्रम नहीं, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा की गहरी आत्मीयता और शिक्षा के महत्व का सशक्त संदेश है।
शिक्षक सम्मान समारोह पर दृष्टिबाधित विद्यालय, सक्ती में आयोजित यह विशेष कार्यक्रम सभी उपस्थित लोगों के लिए यादगार और प्रेरणादायी साबित हुआ।


