रिलायंस कंपनी की मनमानी से ग्रामीण परेशान
सड़क जर्जर, वादे अधूरे, आक्रोशित लोग बोले अब नहीं सहेंगे अन्यायरिलायंस कंपनी की मनमानी से ग्रामीण परेशान
सड़क जर्जर, वादे अधूरे, आक्रोशित लोग बोले अब नहीं सहेंगे अन्याय
शुभ संकेत कोतमा
विकास और रोजगार का सपना दिखाकर कंपनियां गांव-गांव में कदम रखती हैं, लेकिन जब बुनियादी सुविधाओं की बात आती है तो वही कंपनियां जिम्मेदारी से मुंह फेर लेती हैं. कुछ ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत रेउला का है, जहां रिलायंस कंपनी की मनमानी से ग्रामीण जन त्रस्त हो चुके हैं. गांव के लोगों का कहना है कि कंपनी के भारी-भरकम वाहन दिन-रात सड़क से गुजरते हैं, जिससे मुख्य मार्ग पूरी तरह उखड़ गया है. धूल-मिट्टी उड़ने से लोगों का जीना दूभर हो गया है. किसान और स्कूली बच्चे तक इस खस्ताहाल सड़क की वजह से रोजाना मुसीबत झेलते हैं. ग्रामीणों ने कई बार कंपनी और प्रशासन से सड़क मरम्मत की मांग की, लेकिन न
कंपनी ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने. ग्रामीणों का आरोप है कि जब रिलायंस ने यहां गैस खोज कार्य शुरू किया था, तब साफ कहा गया था कि कंपनी सड़क की मरम्मत करवाएगी और गांव में एक पंडाल भी बनवाया जाएगा. लेकिन आज तक किसी वादे को पूरा नहीं किया गया. हालात यह हैं कि गांव की सड़कें खंडहर बन चुकी हैं और कंपनी तमाशबीन बनी हुई है. आक्रोशित ग्रामीणों ने अब मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि जब तक कंपनी अपने वादे पूरे नहीं करती, तब तक विरोध जारी रहेगा. प्रशासन पर भी ग्रामीणों ने सवाल उठाए कि शिकायतों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही. ग्रामीणों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए रिलायंस कंपनी के प्रबंधन ने सोमवार की सुबह बैठक बुलाने की घोषणा की है. इसमें ग्रामीणों से बातचीत कर समाधान का आश्वासन दिया गया है. लेकिन लोग अब कंपनी की मीठी बातों पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. गांव के बुजुर्गों का कहना है रिलायंस केवल मुनाफे का काम कर रही है, गांव की समस्याओं से उन्हें कोई लेना-देना नहीं. अगर जल्द सड़क की मरम्मत और वादों पर अमल नहीं हुआ, तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे. स्पष्ट है कि अब ग्रामीण कंपनी की मनमानी सहने को तैयार नहीं. सवाल यह भी है कि प्रशासन आखिर कब तक खामोश दर्शक बना रहेगा?


