बिलासपुर:-केंद्र सरकार ने अटल विश्वविद्यालय के 107 कालेजों को चिठ्ठी भेजकर नींद उड़ा दिया है। संबद्ध सभी सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी महाविद्यालयों को 10 जनवरी तक पोर्टल पर डाटा अपलोड करने मोहलत दिया है।जिसमें संस्थाओं की सारी जानकारी भरनी है। ऐसा नहीं करने पर मान्यता भी रद हो सकती है।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध मुंगेली, पेंड्रारोड और कोरबा जिले में 107 महाविद्यालय है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के माध्यम से पोर्टल में सत्र 2021-22 का विस्तृत ब्योरा मांगा है। कालेजों में इसके लिए बकायदा नोडल अधिकारी नियुक्त है। फार्म डीसीएफ-4 व डीसीएस-6 में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों व शिक्षकों की जानकारी भी देनी होगी। वैसे हर साल एआईएसएसई यह जानकारी मांगता है। लेकिन इस बार परिस्थितियां एकदम अलग है। पोर्टल में आंशिक बदलाव किया गया है। इसके अलावा संस्थाओं को डर है कि गलत जानकारी पर कार्रवाई भी संभव है। ऐसा इसलिए कि कोविड-19 महामारी के बीच कई संस्थाओं ने यूजीसी के परिनियम 28 में नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पहले ही नौकरी से निकाल दिया है।
उसके बाद से नियुक्ति संभव नहीं हुआ है। यही कारण है कि संस्था प्रमुखों की नींद उड़ी हुई है। अब इससे बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। एआईएसएचई ने वेब डीसीएफ के अंतर्गत फार्म डीसीएफ-4 व डीसीएस-6 में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों व शिक्षकों की जानकारी मांगी है। त्वरित जानकारी के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय व कालेज में नोडल अधिकारी नियुक्त करता है। जिन्हें सीधे खाते में धनराशि भेजा जाता है। संस्थाओं की गड़बड़ी सामने आने के भय से कई महाविद्यालय जानकारी देने बचते हैं। पिछले साल में इसे लेकर काफी परेशानी भी हुई थी। ज्ञात हो की केंद्र सरकार इन्हीं आंकड़ों के आधार पर युवाओं के लिए योजना बनाती है। देश के विकास में यह महत्वपूर्ण माना जाता है।