नई दिल्ली: इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आने वाले सालों में स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री के लिए बहुत मौके हैं। पिछले तीन- चार सालों में इंडियन आर्मी से स्वदेशी इंडस्ट्री को मिल रहे कॉन्ट्रैक्ट तीन गुना बढ़ गए हैं। पिछले साल आर्मी ने 47 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट इंडियन इंडस्ट्री के साथ साइन किए। अगले सात आठ सालों में इंडियन इंडस्ट्री के साथ करीब 7- 8 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट साइन करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इंडियन इंडस्ट्री के लिए बहुत स्कोप है। आर्मी अभी चौथी बार इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट कर रही है और इस बार खरीद इंडियन इंडस्ट्री से ही होगी।
गांधीनगर में चल रहे डिफेंस एक्सपो में स्वदेशी उपकरण देखने के बाद जनरल पांडे ने कहा कि हम प्राइवेट इंडस्ट्री को बेहतर समझ रहे हैं। छोटे स्टार्टअप्स को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके प्रॉडक्ट टेस्ट करने के लिए आर्मी उन्हें अपनी फायरिंग रेंज दे रही है। उन्हें लद्दाख सहित दूसरे फॉरवर्ड एरिया में विजिट करा रहे हैं ताकि वह ऑपरेशनल कंडीशन को और आर्मी की जरूरतों को बेहतर तरीके से समझे। इंडियन आर्मी और इंडस्ट्री के बीच खरीददार और विक्रेता का संबंध नहीं है बल्कि हम इसे एक पार्टनरशिप के तौर पर देखते हैं।
आर्मी के लिए इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट के बारे में आर्मी चीफ ने कहा कि चीन बॉर्डर पर फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों की क्रिटिकल ऑपरेशनल जरूरतें पूरी करने के लिए इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट यानी इमरजेंसी खरीद की गई। हमने तीन बार के इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट में करीब 68 कॉन्ट्रैक्ट साइन किए जो 6000 करोड़ रुपये के है। मकसद तुरंत उतनी संख्या में खरीद करना था जो तत्काल चाहिए। फिर उन प्रॉडक्ट के अनुभव के आधार पर बड़ी खरीद करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी चौथी बार इमरजेंसी प्रॉक्योरमेंट चल रहा है जिसके लिए हम स्वदेशी इंडस्ट्री से ही खरीद करेंगे।
जनरल पांडे ने कहा कि आर्मी का फोकस अभी सेटेलाइट इमेजरी, सर्विलांस के लिए अनमैंड एरियल वीइकल, ग्राउंड बेस्ड सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, काउंटर ड्रोन खरीदने पर है। इसके अलावा हमारा फोकस मोबिलिटी सल्यूशंस पर है, खासकर फॉरवर्ड एरिया में कम वक्त पर तेजी से मूवमेंट के लिए खास तरह के वीइकल चाहिए। हम लॉइटरिंग एम्युनिशन पर, अनमैंड ग्राउंड वीइकल, सी थ्रू आर्मर (सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाला सुरक्षित वाहन, जिससे बिना बाहर निकले भी बाहर देखा जा सके), नए रॉकेट सिस्टम, सॉफ्ट वेयर डिफाइंड रेडियो पर भी फोकस कर रहे हैं।