डिजाईनर दीये, गेंदे फूल की खेती से स्व सहायता समुह की महिलाओं को हो रहा मुनाफा

Date:

Share post:

गोबर व मिट्टी के दीये से महिलाओं ने किया पांच लाख रुपए से अधिक का व्यवसाय, जिले के 46 महिला समूह दीया निर्माण में संलग्न

समूहों द्वारा निर्मित दीये  सी-मार्ट एवं स्थानीय बाजार में उपलब्ध

कोरबा -: छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान ) अंतर्गत गठित समुह की महिलाएं जिले में गोबर एवं मिट्टी के दिए निर्माण करके अतिरिक्त आय अजीत कर रही हैं। महिलाएं गोबर एवं मिट्टी के डिजाइनर तथा आकर्षक दियो का निर्माण कर खूब मुनाफा कमा रही हैं। साथ ही गेंदे फूल की भी खेती कर महिलाएं अतिरिक्त आय का साधन विकसित कर रही हैं। महिलाओं द्वारा निर्मित दिए एवं गोठान में उत्पादित गेंदा फूल कोरबा के सी मार्ट में आसानी से उपलब्ध है। दीपावली व छठ के त्यौहारी सीजन में पाँचों विकासखण्ड कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली, पोंडी-उपरोड़ा में मिट्टी के डिजाईनर दिया तथा गोबर के दिये तैयार किये जा रहें है। जिले की 46 समूहों के द्वारा तीन लाख 18 हजार  नग मिट्टी के दिये तैयार व विक्रय कर चार लाख 77 हजार रूपये तथा गोबर के 31 हजार 780 नग दिये तैयार कर 63 हजार 560 रूपये का आय सृजन किया गया है। इस प्रकार जिले की महिलाओं ने गोबर व मिट्टी के दीये निर्माण कर  कुल  पांच लाख 40 हजार 560 रुपए का व्यवसाय किया है।


           इसके अलावा कलेक्टर संजीव झा के विशेष पहल से अमरपुर व कापुबहरा के गोठान में गेंदे फूल की खेती की जा रही है। समूह की महिलाएं फूल उत्पादन में शामिल होकर अतिरिक्त आय के नए साधन विकसित कर रही है। गोठान में उत्पादित 25 कि.ग्रा. गेंदा कोरबा शहर व कटघोरा में विक्रय किया जा चुका है। इसके अलावा दीपावली के दिन लगभग 70 कि.ग्रा. गेंदा का आर्डर सुनिश्चित किया गया है। इस प्रकार 60 रूपये प्रति कि.ग्रा. की दर से लगभग पांच हजार 700 रूपये की आय संलग्न समुह को प्राप्त होगा। समूह से निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित, प्रचारित व विक्रय करने हेतु जिला मुख्यालय के सी-मार्ट केन्द्र मे स्टॉल की स्थापना की गई है। जहां मिट्टी के डिजाईनर दिया तथा
गोबर के दिये, बाती, साबुन, अगरबत्ती, धुप, रंगोली व सजावटी सामग्री का विक्रय किया जा रहा है। साथ ही साथ समूहों के उत्पादों का दिपावली गिफ्ट हैम्पर 749 रूपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। हैम्पर मे दिया, बाती, अगरबत्ती, काजू, किशमिश, चिरौंजी, चना, हल्दी, धनिया (पावडर), तिल लड्डू, मद्रासी मिक्चर, एल.ई.डी बल्ब, साबुन, चिक्की जैसे 14 उत्पादों को शामिल किया गया है । निश्चित तौर पर समुह के द्वारा गोठान ग्रामों में तैयार किया गया सामान स्थानीय बाजार मे पसंद किया जा रहा है। त्यौहारी उत्पाद के निर्माण व विक्रय से समूह की दीदीयों को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। दिया जैसे उत्पादों को बेचने के लिए महिलाएं अपने एस.एच.जी. नेटवर्क का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं। जिला प्रशासन का सहयोग व मार्गदर्शन उत्पादक महिलाओं के जीवन मे नयी रोशनी का संचार कर रहा है।

Raj Kumar Sahu
Raj Kumar Sahu
Mobile - 9098468649

Related articles

अब 10 साल से बड़े बच्चे खुद चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट, RBI का नया निर्देश

शुभ संकेत/देश;-अब 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे अपने बैंक अकाउंट को स्वतंत्र रूप से ऑपरेट कर...

छत्तीसगढ़ में तेज़ आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी, बिलासपुर समेत कई जिलों में अलर्ट जारी

शुभ संकेत/छत्तीसगढ़;-मौसम विभाग ने तेज़ आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर...

बिलासपुर;-इंस्टाग्राम में लाइव आकर नाबालिग युवक ने की आत्महत्या, सरकंडा क्षेत्र के कुटीपारा जंगल की घटना..

शुभ संकेत/ बिलासपुर;-बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत चिल्हाटी जंगल में एक 17 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी का शव...

सीजीएमएससी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में निभा रही अहम भूमिका: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में...
error: Content is protected !!