मध्यप्रदेश/शुभ संकेत: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा आयोजित 9 जुलाई 2025 के राष्ट्रव्यापी आंदोलन हेतु माँग-पत्र जारी किया गया है, जिसमें किसानों और कृषि मजदूरों के हित में संयुक्त किसान मोर्चा का मांग निम्नलिखित है –
1.एमएसपी की कानूनी गारंटी: स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों के लिए C2+50% फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए। सभी फसलों की समय पर एमएसपी पर सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए।
2. सम्पूर्ण कर्ज़ माफी: सभी किसानों और कृषि मज़दूरों का पूरा कर्ज़ माफ किया जाए। कर्ज़ न चुकाने पर भूमि की नीलामी और संपत्ति की जब्ती पर रोक लगे।
3. कृषि में कॉर्पोरेट नियंत्रण नहीं: कॉर्पोरेट कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और कॉर्पोरेट लैंड लीजिंग को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर रोक लगे। एग्रीबिज़नेस मोनॉपॉली को खत्म कर किसानों की आत्मनिर्भरता और स्वायत्तता को संरक्षित किया जाए।
4. किसान पेंशन और सामाजिक सुरक्षा: सभी लघु एवं सीमांत किसानों और कृषि मज़दूरों को ₹10,000 मासिक पेंशन दी जाए। पीएम-किसान योजना का लाभ बटाईदारों, पट्टेदार किसानों और भूमिहीन कृषि श्रमिकों को भी दिया जाए।
5. दमनात्मक मामलों की वापसी: 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी एफआईआर और कानूनी मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए। आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी दी जाए।
6. श्रम क़ानूनों का क्रियान्वयन और मनरेगा का विस्तार: श्रम कानूनों को सही ढंग से लागू किया जाए। मनरेगा को शहरी गरीबों तक विस्तारित किया जाए और दैनिक मज़दूरी ₹600 की जाए। साल में कम से कम 200 दिनों का रोज़गार सुनिश्चित किया जाए।
7. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को सशक्त बनाना: सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। मासिक राशन में दालें, खाद्य तेल और मोटे अनाज (मिलेट्स) को शामिल किया जाए।
8. भूमि अधिग्रहण और विस्थापन पर रोक: औद्योगिक क्षेत्रों, खदानों को स्थापित करने के नाम पर किसानों के ज़मीन को अधिग्रहित कर उन्हें उनके स्थान से विस्थापित करना, बंद करना होगा।
अनूपपुर से संपादकीय सलाहकार नत्थूलाल राठौर…✍️