कोरबा:-छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रेत का अवैध कारोबार अपने चरम पर पहुंच गया है। रेतघाटों में प्रतिबंध लगने के बाद भी तस्कर सुबह-सुबह काले कारनामों को अंजाम देकर अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए हैं। शहर के बीच ट्रेक्टर के माध्यम से रेत का परिवहन जारी है, बावजूद इसके उन पर कार्रवाई न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। हालांकि खनिज विभाग के अधिकारी लगातार कार्रवाई करने की बात जरुर कह रहे हैं।

प्रतिबंधित अवधी में भी रेत का कारोबार
लाख कोशिशों के बाद भी कोरबा में रेत का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। आलम ये है कि रेत के काले कारोबार में लिप्त लोग बिना किसी डर के प्रशासन को चूना लगा रहे हैं। प्रतिबंधित अवधी में भी बिना किसी डर के रेत का कारोबार चल रहा है, लेकिन उस पर लगाम लगाने को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेत के अवैध कारोबारी सुबह-सुबह नदियों को खोदकर अपनी जेबों को गर्म कर रहे हैं। हमने सीतामणी व धवाईपुर रेतघाट का दौरा किया तो हमारी आंखे फटी की फटी रह गई। सूरज निकलने से पहले ही तस्कर ट्रैक्टरों के माध्यम से रेत की चोरी करने में लगे हुए थे। एक के बाद एक कई ट्रैक्टर घाट से निकलर अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे। कुछ लोगों को रुकवाकर हमने पूछताछ की तब उन्होंने कुछ इस तरह की जानकारी दी। सुनिए क्या कहा…

अधिकारी बोले-की जा रही कार्रवाई
शहर के बीचों बीच अवैध कारनामों को अंजाम देना कई सवालों को जन्म दे रहा है। निजात अभियान चलाकर पुलिस हर तरह के अवैध कामों पर लगाम लगा रही है। ऐसे में रेत कारोबारियों पर उनकी नजर न हो ये हो ही नहीं सकता। कहीं न कहीं पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से रेत तस्कर प्रशासन को चूना लगा रहे हैं। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने कहा कि नवंबर माह में उनकी ओर से अवैध उत्खनन के 50 प्रकरण बनाए गए हैं, जिनमें 9 लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया गया है। बावजूद इसके रेत का काला कारोबार चलना समझ से परे हैं। हालांकि अधिकारी ने नियमित रूप से कार्रवाई करने की बात जरुर कह रहे हैं।बता दें कि रेत घाट नहीं खुलने का बेजा फायदा रेत तस्कर उठा रहे हैं। दिन और रात के समय लगातार कार्रवाई होने से अवैध कारोबार तड़के अपने कारनामों को अंजाम दे रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में ठोस कार्रवाई करें, ताकी अवैध कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लग सके।
ढानेश्वर लाल की रिपोर्ट