Munawwar Rana on Pasmanda Muslim: पसमांदा मुसलमानों पर बात करते हुए मां तक पहुंचे मशहूर शायर मुनव्वर राना कहा पिता के मुस्लिम की गारंटी मां के बारे में नहीं कह सकता

Date:

Share post:

लखनऊ: चलती फिरती आंखों से अजा देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है। मां पर शायरी से विख्यात मुनव्वर राना ने मां को लेकर ऐसी बात कह दी है, जिस पर विवाद गहरा सकता है। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में मुनव्वर राना ने कहा है कि मेरा बाप मुसलमान था, इसकी मैं गारंटी लेता हूं। लेकिन, मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी गारंटी मैं नहीं लेता। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पिछले दिनों आयोजित किए गए पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुनव्वर राना ने इस प्रकार का बयान दिया है। मुसलमानों में पसमांदा को लेकर भी उन्होंने अपनी अलग थ्योारी दी। यूपी चुनाव 2022 के दौरान मुनव्वर राना ने प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी की स्थिति में यूपी छोड़ने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी। सीएम योगी की मां से मुलाकात पर शेर के जरिए तारीफ कर उन्होंने रुख में बदलाव के संकेत दिए थे। हालांकि, अब मुसलमानों को लेकर दिया गया उनका बयान चर्चा के केंद्र में आ गया है।

मुनव्वर राना ने पसमांदा का अर्थ समझाते हुए कहा कि कई लोगों को इस शब्दावली का अर्थ भी पता नहीं होगा। समाज में जो पिछड़ जाते हैं, उन्हें पसमांदा कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में तो पसमांदा का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं था। इस धर्म में जात-पात की कोई बात ही नहीं है। अरब में कोई यह नहीं जानता कि कौन किस जात का है। वहां हर किसी की पहचान अरबी से है। इसी आधार पर शादियां होती हैं, ब्याह होते हैं। तमाम मामले इसी आधार पर हल होते हैं। मुनव्वर आगे कहते हैं कि हिंदुस्तान आते-आते हम अलग-अलग रंगों में रंग गए। मुनव्वर राना ने कहा कि मैं एक बात बड़ी ईमानदारी से कहता हूं कि मेरा बाप मुसलमान था और इसकी मैं गारंटी लेता हूं। मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी मैं गारंटी नहीं लेता हूं।

राना ने बताई अपनी थ्योरी
हिंदुस्तान में मुसलमानों के इतिहास को लेकर मुनव्वर राना ने अपनी थ्योरी बताई है। उन्होंने कहा कि हमारा फर्स्ट फादर मुसलमान था, जो भारत आया था। वह चाहे निशापुर से आया हो या समरकंद से आया हो, चाहे बुखारा से आया हो या अफ्रीका से आया हो, चाहे अरब से आया हो, वह फौज के साथ आया था। उन्होंने कहा कि फौजें कभी बीवियां लेकर नहीं चलती हैं। तो मेरा बाप जो था, वह मुसलमान था। लेकिन, मेरी मां जो थी, वह मुसलमान थी, इसकी गारंटी नहीं लेता। मेरा बाप यहां आया, फर्स्ट फादर। उसने अपने सुलूक से, अपने अखलाक से, अपने व्यवहार से, अपने तौर-तरीके से, अपनी अच्छी विचारधारा से हिंदुस्तान में घुल-मिल गया।

मुनव्वर राना ने कहा कि देश में कहीं निजामुद्दीन औलिया की हैसियत से, कहीं ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की हैसियत से, कहीं हजरत वाजिद अली शाह की हैसियत से, कहीं हजरत इशाह मीना की हैसियत से, पूरे हिंदुस्तान में फैलते चले गए। उन्होंने कहा कि जब यहां के लोगों ने देखा कि यहां के ठुकराए हुए लोग, जो सनातनियों के ठुकराए हुए लोग थे, वे संपर्क में आने लगे। उन्होंने देखा कि ये कैसे लोग हैं? इनके यहां तो कुछ है ही नहीं। जाइए, बैठिए, इनके साथ खाइए, पीजिए। उन लोगों ने इस्लाम को कुबूल करना शुरू कर दिया। मुनव्वर राना अपने बयान के जरिए इस्लाम में पसमांदा की राजनीति को खारिज करते हुए किसी प्रकार के भेदभाव से इनकार किया है।

 

Related articles

कोरबा योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन जिला कोरबा द्वारा आयोजित चतुर्थ जिला स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता संपन्न…

कोरबा/शुभ संकेत: आज दिनांक 8 जून दिन रविवार को गीतांजलि भवन कोरबा में कोरबा योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन जिला...

रायपुर : कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने वैज्ञानिक एवं उन्नत तकनीकों को अपनाने किया प्रेरित

कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम शनिवार को सरगुज़ा जिला प्रवास के दौरान विकासखण्ड उदयपुर के ग्राम उदयपुर में...

रोजगार दिवस में मोर गांव मोर पानी अभियान की दी गई जानकारी

ग्राम पंचायतों में मनाया गया रोजगार दिवस श्रमिकों को बताई मनरेगा की विशेषताएंकोरबा -: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार...

रायपुर : मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने किया ‘सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह’ का निरीक्षण

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बिलासपुर में स्थित गैर शासकीय संस्था सेवा भारतीय मातृ...
error: Content is protected !!