पयारी गौशाला की हालत बदहाल, भूख-प्यास और बीमारी से गौवंशों की हो रही मौत
शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार कर रहे अनदेखी, कीचड़ और डस्ट की उलझन
- शुभ संकेत अनूपपुर
जिले में गौवंशों की सुरक्षा और उन्हें पनाहगार के रूप में उपलब्ध कराई गई गौशालाएं अब जिम्मेदारों की लापरवाही में मवेशियों की असामायिक मौत की स्थली बन गई है. जहां न तो मवेशियों के लिए पर्याप्त दाना पानी सहित उन्हें बीमारियों से बचाने सुरक्षित उपाय अपनाए जा रहे हैं, बल्कि एक दूसरे पर व्यवस्थाओं को सुधार करवाए जानें की बात कह मवेशियों के मरने का इंतजार कर रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं अनूपपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पयारी क्रमांक 1 में संचालित गौशाला की, जो इन दिनों बदहाली का शिकार बनी हुई है. यहां रखे गए गाय-बैल दुबले-पतले होते जा रहे हैं और भूख-प्यास व अनदेखी में उनकी असमय मौतें हो रही हैं. जानकारी के अनुसार गौशाला का संचालन सैटिन दीपक स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है. शासन से चारा-पानी और देखरेख के लिए नियमित राशि भेजे जाने के बावजूद जमीनी हकीकत पूरी तरह विपरीत है.
जिम्मेदार ही दे रहे गैर जिम्मेदारान जवाब
समूह की अव्यवस्थाओं पर जब समूह के जिम्मेदार से जानकारी ली गई तो समूह की ओर से यह स्वीकार किया गया कि गौशाला में बीमारी फैल गई है. दो दिन पूर्व इस बीमारी के चलते दो गायों की मौत भी हो चुकी है. बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर इसका न तो जांच कराई गई और ना ही जिम्मेदारों के प्रति कोई ऐसा कदम ही उठाया गया. समूह का यह कहना है कि जब समूह को संचालन की जिम्मेदारी दी गई तो बीमारी कहां से फैली. क्यों मवेशियों की नियमित जांच पड़ताल नहीं की गई, या बीमारी को ही अनदेखा कर दिया गया? ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द व्यवस्था सुधारने के लिए कार्रवाई नहीं की गई तो और अधिक मवेशियों की जान पर खतरा मंडरा सकता है.
इनका कहना है
गांव-देहात में बीमारी फैली हुई है, जिससे 2 गायों की मौत हुई है. डॉ. सोखिया का जानकारी दी गई है, भोजन देते हैं एवं चारा दिया जाता है. समूह का संचालन हमारे समूह द्वारा किया जा रहा है परिसर में कीचड़ है जिससे उठ रही दुर्गंध से लोग परेशान हैं. मवेशियों को बीमारी से बचाने के लिए दवा भी दी जाती है. फुकुलवा मौर्य, अध्यक्ष, सैटिंग दीपक स्व सहायता समूह पयारी क्रमांक 1.


