माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती माया विश्वलाल मैडम ने आदेश करते हुये कहा कि कोई अन्वेषण नवीन कानून लागू होने के पूर्व लंबित है या चल रहा है तो ऐसे निपटाया जायेगा जैसे नवीन संहिता लागू ही नही हुयी है
बी.एन.एस.एस. की धारा 531 उपधारा 2ए
लोक अभियोजक श्री पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि घटना से सबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना कोतवाली अनूपपुर में दिनांक 17-08-2022 को धारा 420]34]467]468]471 भारतीय दंड संहिता में आरोपी सोमचंद्र मिश्रा एवं आरती केशरवानी के विरूद्व दर्ज करायी गयी, जिसमें घटना की अवधि दिनांक 30-08-2021 से 11-11-2021 के मध्य की बतायी गयी । प्रकरण में समस्त विवेचना की कार्यवाही बी0एन0एस0एस0 लागू होने के पूर्व की जाकर अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष दिनांक 29-07-2024 केा अर्थात बी0एन0एस0एस0 लागू होने के लगभग 28 दिन बाद पेश किया गया ।
प्रकरण का विचारण माननीय मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा बी0एन0एस0एस0 के प्रावधानों के अनुसार किया जाने लगा इसलिये अभियोजन द्वारा विचारणीय न्यायालय के समक्ष इस आशय की आपत्ति प्रस्तुत की गयी कि उक्त अपराध बी0एन0एस0एस0 लागू होने के पूर्व किया गया है इसलिये इसका विचारण दण्ड प्रक्रिया के अंतर्गत होगा इस अपराध में कुछ धाराओं का विचारण माननीय सत्र न्यायालय किया जाना है । मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा अभियोजन के आवेदन को निरस्त कर दिया गया जिससे व्यथित होकर अभियोजन ने इस आदेश का रिवीजन माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती माया विश्वलाल मैडम के न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन प्र0क्र0 CRR no 22/2025 शासन बनाम सोमचंद्र मिश्रा वगैं0 प्रस्तुत किया गया।
माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती माया विश्वलाल मैडम ने रिवीजन की सुनवाई की और शासन की और पैरवी कर रहे लोक अभियोजक श्री पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा रखे गए तर्कों, बहस और माननीय उच्च न्यायालयों के न्याय दृष्टांत मनदीप सिंह विरूद्व कुलदीप कौर, क्रिशन जोशी बनाम राजस्थान राज्य एवं एम/एस के0जी0 माकेर्टिग इण्डिया बनाम राशी संतोष सोनी एवं अन्य को देखते हुए साथ मामले की गम्भीरता एवं परिस्थितियों को देखते हुए शासन के रिवीजन को स्वीकार करते हुये निचली अदालत को आदेशित किया कि उक्त अपराध का विचारण दण्ड प्रकिया के संहिता के प्रावधानों के अनुसार किया जाना चाहिये।
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